23 दिसंबर 2012

एक अत्यंत नीच रहस्यमय दुनिया - इलुमिनाटी 2

ये सभी जानकारी आपको सोचने के लिए विवश कर रही होंगी कि - ये कुचक्र अंततः चलता कैसे जा रहा है ? इसका उत्तर किसी भी व्यक्ति के जीवन जीने के मूल सिद्धांत पर टिका हुआ है – शिक्षा और धर्म । 
ये षड्यंत्र इतने बड़े स्तर का है कि इसने मूल तक अपनी जड़ें गाड़ ली हैं । आज की शिक्षा व्यवस्था और धार्मिक संस्थान भी इनके आधीन हैं । जितने भी प्रख्यात विदेशी विश्वविद्यालय हैं । सभी के साथ में कुछ गुप्त संस्था भी चलती हैं । इन विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले अधिकतर व्यक्ति समर्थ और शक्तिशाली होते हैं । कोई किसी राज परिवार से सम्बंधित होता है तो कोई अत्यंत बुद्धिमान होता है तो किसी के पास बहुत धन होता है । ये गुप्त संस्थाएं ऐसे ही व्यक्तियों की ताक में रहती हैं और उन्हें विभिन्न माध्यमों से फंसा लेती हैं और अपने मनचाहे प्रयोग में लेती हैं । चाहे फिर वो व्यक्ति कोई राजनीतिक विषय पर पढ़ाई कर रहा हो  या आर्थिक विषय पर  या वह चिकित्सा विज्ञान पढ़ रहा हो या अभियांत्रिकी । 
इस प्रकार वो हर देश और क्षेत्र में अपने द्वारा नियंत्रित व्यक्तियों को डाल देती हैं । जो अंत में इस वैश्विक षड्यंत्र में सहायता करते हैं । यही वो लोग होते हैं जो बाद में देश को संभालते है । कोई आर्थिक मंत्री बनता है । तो कोई कानून मंत्री । कोई प्रधानमंत्री बनता है तो कोई बड़ा व्यवसायी ।
ऐसे लोगों पर नज़र रखने के लिए होती हैं - गुप्तचर एजेंसियां ।
गुप्तचर एजेंसियों का कार्य होता है । पूरे देश के लोगों को नियंत्रित करके रखना  और देश पर नियंत्रण कर रहे लोगों को भी देखना । अगर उन्हें कोई ऐसी संभावना दिखती है कि देश में किसी प्रकार की क्रांति आ सकती है । जिससे ये पूरा तंत्र बिगड़ जाये और ये मायाजाल नष्ट हो जाये । तब ऐसी स्थिति में ये उत्तरदाई व्यक्ति को विभिन्न प्रकार के हथकंडे प्रयोग में लाकर नियंत्रण में रखती हैं और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें मरवाती भी है । आपने इसके कई उदाहरण देखे होंगे । जैसे राजीव गाँधी और सोनिया गाँधी
https://www.youtube.com/watch?v=79TX3jXBnpU
देश भर में होने वाले आतंक उपद्रव भी इन्हीं कारणों से होते हैं । जिससे देश के आर्थिक तंत्र और देशवासियों पर असर पड़े और वो नियंत्रित रहे हैं  और कारण का चिंतन न कर पायें । 
अगर आप सोचते हैं कि धार्मिक संस्थान इससे अछूते हैं तो ऐसा भी नहीं है । ईसाइयों को नियंत्रण में करने वाला एक व्यक्ति है - पोप  जिसकी बात अधिकतर ईसाई मानते हैं । इसी प्रकार मुस्लिम विभिन्न प्रकार की जमात के प्रमुखों की बाते मानते हैं या कुछ इस्लामी संस्थाओं की । ये सभी लोग उसी षड्यंत्र के अंतर्गत नियंत्रित हैं । यही वो लोग हैं जो लोगों को पहले तो धर्म के नाम पर भयभीत करते हैं और फिर उनकी भावनाओं से खेलकर उन्हें अच्छे परिणाम बता कर भड़काते हैं और दंगे उपद्रव आतंक आदि फैलाते हैं । https://www.youtube.com/watch?v=ez1eoJqI2Ns
विभिन्न मनोवैज्ञानिक संस्थाएं लोगों के व्यवहार आदि पर शोध करते हैं और उनकी निगरानी करते हैं । उनकी उचित कमजोरी मिलने पर उनका शोषण करते हैं ।
हमें आधुनिक विज्ञान और समय की आवश्यकता बताकर विभिन्न स्तरों पर ठगा जाता है । हमसे कहा जाता है कि पारंपरिक ज्ञान और परम्परा मूर्खतापूर्ण है और अब नयी विधियों की आवश्यकता है । कार्य करने के लिए । ऐसा करने से प्रकृति को बहुत हानि पहुंची है । सबसे अधिक हानि हुई है रासायनिक प्रयोगों से । साबुन डिटर्जेंट शैम्पू आदि के प्रयोगों से अनेक चर्म रोग पैदा हो गए हैं । कीटनाशक के प्रयोगों से खाद्य सामग्री फल सब्जी आदि विष समान हो गयी हैं । रासायनिक उर्वरक के प्रयोगों से भूमि की प्राकृतिक क्षमता नष्ट चुकी है । फैक्टरियों, मोटर वाहनों से निकलने वाला विषैला धुआँ सभी और फ़ैल रहा है । जिससे अनेकों प्रकार के स्वांस सम्बंधित विकार हो रहे हैं । ये रसायन बनाने वाली विदेशी कम्पनियां जिन्हें देखकर लोगों को ऐसा लगता है कि ये रासायनिक खाद बनाने की कंपनी है । वास्तव में वो कम्पनियां होती है । जो युद्ध के समय प्रयोग की जाने वाले रासायनिक अस्त्रों के लिए विषैले रसायन बनाती हैं और दूसरे स्थानों में ये कम्पनियां भोले भाले लोगों पर इन रसायनों का प्रयोग करती हैं । जिसे बाद में दुर्घटना का नाम दे देती हैं । क्योंकि कोई व्यक्ति जान बूझ कर अपना जीवन संकट में नहीं डलवाएगा । ऐसी एक दुर्घटना भारत में यूनियन कार्बाइड, भोपाल में घटी । https://www.youtube.com/watch?v=bBx8jyHQysI
तेल, खनिज भण्डार और अन्य ऊर्जा के साधनों पर इनकी ये आधुनिकता का ढोंग रुक जाता है और मात्र 20 वर्ष में जो अन्य तकनीक इतनी विकसित हो गयी । वहीं ऊर्जा बनाने के लिए प्रयोग की जाने वाली तकनीक अभी भी 200 वर्ष पुरानी ही है । तेल और कोयला अभी भी ऊर्जा बनाने के लिए प्रयोग में लिया जा रहा है और प्रकृति में हो रही हानि के नाम पर झूठ ही चिल्लाने वाले लोग इस तकनीक को बदलने की कोई बात नहीं करते हैं और कहते हैं कि इसका उचित विकल्प अभी अस्तित्व में नहीं है और इससे भी अधिक हानिप्रद रेडियो धर्मी नाभिकीय संयंत्र का प्रचार और तीव्रता से कर रहे हैं । 
इसके प्रचार के समय ये आपसे रूस के चर्नोबाइल और जापान के फुकुशीमा की घटनायें नहीं बताते हैं । सन 1989 से हमारे देश में ऊर्जा बनाने की ऐसी तकनीक है जो निःशुल्क ऊर्जा का उत्पादन करती है । भारत के ही कैगा नाभिकीय संयंत्र । 
कर्नाटक के भूतपूर्व डायरेक्टर डॉ. परमहंस तिवारी द्वारा बनाया गया ये जनरेटर किसी भी प्रकार के बाह्य संसाधन अथवा प्रत्यक्ष ऊर्जा स्रोत के प्रयोग के बिना ही पर्याप्त मात्र में ऊर्जा देने में सक्षम है । जो कि एक घर को बिजली दे सकता है पर भारत में उचित आर्थिक सहायता के आभाव में उन्हें ये प्रोजेक्ट विदेश ले जाना पड़ा । जहां इस पर आगे का कार्य किया जा रहा है । ऐसे कार्यों को एक षड्यंत्र के अंतर्गत सहायता के अभाव में डाला जाता है । जिससे लोगों की ऊर्जा के संसाधनों पर निर्भरता बनी रहे और विदेशो से तेल, कोयला और नाभिकीय सयंत्र की तकनीक को हमारे देश में बेचा जा सके और भारत का धन विदेशों तक पहुँचाया जा सके ।
यहाँ तक कि भारत में ऐसी बुद्धि वाली प्रतिभाओं तक को ऐसे ही फंसाया जाता है और विदेशों में पहुँचाया जाता है । जिससे हमारा देश समृद्ध और शक्तिशाली न हो सके और ये प्रतिभाएं उनके देश के लिए कार्य करें ।
 भारत में बनाये गए उच्च स्तर के तकनीकी शिक्षा संस्थान IIT इसीलिए भारत में बनाये गए हैं । इनका फण्ड विदेशो से यहाँ आता है । इसी कारण ये उच्च स्तर की सुविधायें बहुत सस्ते में उपलब्ध कराने में समर्थ होते हैं । यहाँ पर जाने वाली प्रतिभाओं के दिमाग में वहाँ के अध्यापक पहले से ही विदेशों के सपने भर देते हैं और वहाँ पर पढ़ाये जाने वाले कोर्स इतने आधुनिक पाठ्यक्रम के होते हैं कि उनका उपयोग भारत में किया ही नहीं जा सकता । इसलिए उनके पास अन्य कोई मार्ग ही नहीं रह जाता और उन्हें विदेशों में ही जाकर कार्य करना पड़ता है https://www.youtube.com/watch?v=I_FE8dkWQoo
अब जब उन्हें लग रहा है कि युवा कुछ जागृत हो रहा है और स्वदेशी की भावना जागृत हो रही है । तब इन्होंने ये फंड कम कर दिए और शिक्षा का स्तर लगातार गिराया जा रहा है ।
भारत की सरकार इन विदेशी शक्तियों के कारण यहाँ पर शिक्षा के स्तर को गिरा रही है और प्राथमिक कक्षा से ही बच्चों की पढ़ाई के पाठ्यक्रम को सरल करती जा रही है । अब तो बच्चों को ये सुविधा भी दी जा रही है कि बिना परीक्षा पास किये ही अगली कक्षा में डाल दिया जाता है । गणित और विज्ञान की पढाई को और अधिक सरल कर दिया जा रहा है और तकनीक के क्षेत्र में भारत को अक्षम बनाया जा रहा है । ये आप कुछ ही वर्षों में तकनीकी शिक्षण संस्थानों की प्रवेश परीक्षा के पर्चों के देखकर भी समझ सकते हैं कि कैसे पहले के समय में ये प्रश्न पत्र कितने अधिक कठिन होते थे और अब पहली की अपेक्षा अत्यंत सरल होते जा रहे हैं । http://www.youtube.com/watch?v=4DQpfY8n2SY
ये सभी प्रकार के षड्यंत्र एक बहुत बड़े कुचक्र की तरह एक दूसरे पर निर्भर हैं । अगर आप एक के पीछे एक को ढूँढने जायेंगे । तब आपके सामने आयेगी एक अत्यंत नीच रहस्यमय दुनिया । जो आपको समय में पीछे ले जाएगी । 
सन 1776 में जब इसका उदगम हुआ । उस देश में जो कि एक समय लगभग पूरे विश्व को अपना गुलाम बना चूका है - ब्रिटेन । एक गुप्त संगठन बना ।
जिनका नाम पड़ा – इलुमिनाटी Illuminati
इनका चिन्ह है । एक त्रिभुजाकार पिरामिड की संरचना । जिसके ऊपर एक आँख होती है ।
इनका लक्ष्य है । हर एक प्रकार के धर्म, शासन और निजी संपत्ति के स्वामित्व को नष्ट कर वैश्विक सरकार बनाना और एक केंद्रीय सत्ता का पूरे विश्व के धन संसाधन संपदा में एकाधिकार । इसके लिए पूरे विश्व के लोगों को एक अनन्य वैश्विक पहचान दी जाएगी और एक वैश्विक मुद्रा चलेगी ।
इन्हीं के द्वारा बनाया गया एक धर्म चलेगा और हर एक व्यक्ति पर निगरानी रखी जाएगी । ये पूरे विश्व को इस प्रकार नियंत्रित करेंगे । जिससे कि आम जनता गुलाम बनकर रह जाएगी और पूरा जीवन काम करते करते ही निकाल देगी ।
इस प्रकार से कोई भी व्यक्ति स्वयं के विषय में चिंतन न कर पायेगा और अध्यात्म से दूर होकर इस कुचक्र में हमेशा के लिए फसा रह जायेगा । अगर आप सोचे रहे हैं कि ये सब व्यर्थ की बाते हैं तो अपने आसपास की दुनिया में देखिये । ये सारे काम जो आप करते हैं । इन्हें आप क्यों कर रहे हैं ? 
आप इन्हें किसी निश्चित प्रकार से ही करने के लिए क्यों बाध्य हैं ? आपके ऊपर शासन कौन कर रहा है और क्या आप उनके द्वारा लिए जाने वाले निर्णयों से खुश हैं ? अगर नहीं  तो ये ऐसा निर्णय क्यों लेते हैं ? 
ऐसा करने के लिए इन्हें कौन बाध्य करता है ? जब आप इन सबको समझेंगे । तब आपको पता चलेगा इस वैश्विक शासन का ढांचा पहले से ही बुना जा चूका है । 
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (WHO) वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाईजेशन (WTO), वर्ल्ड बैंक, यूनाइटेड नेशन्स, आदि । 
ये सभी नीतियाँ यही वैश्विक संस्थाएँ बनाती हैं । ये संस्थाएं पूरे विश्व में सारे संसाधनों पर स्वामित्व प्राप्त करना चाहती हैं । भारत विश्व भर में सबसे अधिक संसाधनों और संपदाओं का स्रोत है और ऐसे में इन संस्थानों के सबसे बड़े शत्रु हैं । इन संसाधनों और संपदाओं को प्रयोग करने वाले यानी कि भारत में रहने वाले देशवासी । जो इनका प्रयोग कर रहे हैं ।
इसलिए ये भारत में ऐसी नीतियों को लागू करवा रहे हैं । जिससे देशवासी आर्थिक रूप से शक्तिहीन हो जाएँ WHO विश्व भर में और भारत में भी दवाएं भिजवाता है और बच्चों को विभिन्न प्रकार के टीके लगवाता है । ये टीके समय के साथ आगे बढ़ते हुए अनुवांशिक गुणों को बदलते हैं । आगे आने वाली पीढ़ियों में नए प्रकार को रोग पैदा करने लगते हैं । ऐसे ही एड्स भी एक प्रायोगिक परिक्षण का परिणाम है । जिसके द्वारा विश्व में जनसँख्या पर नियंत्रण पाया जा सके । इसी षड्यंत्र के अंतर्गत आते है । 
एक समय के दुनिया के सबसे धनवान व्यक्ति – बिल गेटस जो कि माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के मालिक हैं । ये वही कम्पनी है । जिसके सॉफ्टवेर से दुनिया के 95% कम्प्यूटर चलते हैं और कुछ ही समय पहले इसी कंपनी ने स्काइप नाम की कंपनी को ख़रीदा है । जो कि कंप्यूटर के माध्यम से बात करने का सबसे प्रचलित सॉफ्टवेर बनाती है और इसे खरीदने के कुछ ही समय पहले माइक्रोसॉफ्ट ने एक पेटेंट लिया है कि किस प्रकार से स्काइप की सहायता से गुप्त रूप से किसी के द्वारा की जा रही बात को कैसे रिकॉर्ड किया जाये । इन्ही बिल गेटस के द्वारा अभी कुछ ही समय पहले अंग्रेजी वैज्ञानिकों को 10 करोड़ डॉलर दिए गए हैं । जैविक संवर्धित फसलों के ऊपर कार्य करने के लिए ।
http://www.bbc.co.uk/news/science-environment-18845282
गेटस के द्वारा करोड़ों डॉलर एक बहुत ही विशाल बीज कोष में भी लगाये जा रहे हैं । जहाँ पर फसलों के बीज अपने मूल शुद्ध रूप में सुरक्षित रखे जाते हैं कि अगर पूरे विश्व से शुद्ध रूप के बीज नष्ट हो गये । जैविक संवर्धित बीजों के कारण । जो कि रोग और नपुंसकता फ़ैलाने के लिए प्रचारित करे जा रहे हैं । जिससे कि जनसँख्या पर नियंत्रण पाया जा सके  तो ये शुद्ध बीजों को फिर से वापस लाने के लिए या कम रोगकारक बीज बेच सके ।
http://www.globalresearch.ca/doomsday-seed-vault-in-the-arctic/23503
कुछ वर्षों से ये बिल गेटस भारत में भ्रमण कर रहे हैं । यहाँ के किसानों को जैविक संवर्धित अन्न के फायदे बताने के लिये और शायद भारत से विविध प्रकार के अन्नों के बीज एकत्र करने के लिए भी । पढ़िए कि ये लोग किस रूप में  मृत्यु का अनुबंध बांटते हैं ।
http://foodfreedomgroup.com/2012/04/18/bill-gates-47500-paralysis-cases/
ये काग़ज के नोटों को धन के रूप में प्रस्तुत करने का मायाजाल भी इसी वैश्विक षड्यंत्र के अंतर्गत फैलाया गया है । जिसके द्वारा वर्ल्ड बैंक पूरे विश्व के संसाधनों को ब्याज के रूप में हथियाना चाहता है । भारत सरकार ने देश की खदानें, भूमि, और यहाँ तक कि एक नदी और पहाड़ भी विदेशियों को बेच दिए हैं  और अभी भी भारत वर्ल्ड बैंक के कर्ज में हैं ।
https://www.youtube.com/watch?v=D8cBH93pQlw
ये उसी ब्रिटेन की नीतियाँ हैं । जिसने एक समय में प्रत्यक्ष रूप से पूरे विश्व को अपना गुलाम बनाया था और अब भी अप्रत्यक्ष रूप से अपना गुलाम बनाया हुआ है और यह पूरा कार्य वो अमेरिका को आगे करके करता है । इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है कि अमेरिका आज तक सर्वाधिक सबसे शक्तिशाली देश माना जाता है और पूरे विश्व में अमेरिकी डॉलर को ही मुद्रा के मानक के रूप में लिया जाता है । पर तब भी पूरे विश्व में सर्वाधिक शक्तिशाली मुद्रा ब्रिटेन का पौंड ही रहती है । इस प्रकार से जो तंत्र आपके सामने फैला हुआ है । ये एक मायाजाल है । जिसकी लत आपको डलवा दी गयी है । इसमें फंसने के लिए आप स्वयं उत्तरदायी है और इससे निकलना भी आपको ही पड़ेगा ।
अन्य आवश्यक जानकारी -
- रिलायंस रोथ्स्चाइल्ड Illuminati में अनुबंध । तेल कुँओं में अधिकार । भारत के बहुत बड़े तेल भंडार को ब्रिटेन की कंपनी (रोथ्स्चाइल्ड ?) बेचने का प्रयास
http://articles.economictimes.indiatimes.com/2012-06-21/news/32352261_1_textile-industry-textile-business-naroda-factory
- रोथ्स्चाइल्ड – भारती एयरटेल, वालमार्ट, एयरटेल मनी Digital Currency http://www.indianexpress.com/oldStory/55255/
http://www.business-standard.com/india/news/understandingbharti-walmart-venture/489001/
- वॉरेन बुफे भारत में इंश्युरेंस कंपनी लांच करने आये । 
http://www.reuters.com/article/2011/03/16/buffett-india-idUSSGE72F01920110316
- गेटस । रोकेफेल्लर भारत में ।
http://www.youtube.com/watch?v=dZsqUgVbPu8
- ये सभी ऊंचे व्यवसायिक घरानों के व्यक्ति हैं । जो Illuminati की श्रृंखला में बहुत ऊपर आते हैं और इस समय की इस नयी वैश्विक व्यवस्था की प्रमुख है - ब्रिटेन की रानी क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय ।
- ये कुछ लोगों की लिस्ट हैं । जो इस षड्यंत्र से जुड़े हुए हैं । जिसमे लक्ष्मी निवास मित्तल भी हैं । http://socioecohistory.wordpress.com/2012/04/23/current-membership-list-of-the-illuminati-committee-of-300/
- इस पूरी भृष्ट व्यवस्था के कर्ता धर्ता हैं । रोथ्स्चाइल्ड परिवार जो कि पूरे विश्व के इस समय के सबसे धनवान लोग हैं
http://www.carlg.org/engwarindustry2.html
- जीडीपी (GDP) क्या है ?
https://www.youtube.com/watch?v=j5y5FvejSgU
- एफ डी आई (FDI) का सत्य
https://www.youtube.com/watch?v=bdZJkrf-m0k
- प्रजा आधीन राजा (Right To Recall Group) –
http://www.righttorecall.info 
झूठे आंदोलनों । झूठे देश भक्तों । राष्ट्रवादियों और धर्मवादियों का सच यहाँ जाने । https://youtube.com/righttorecallgroup 

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एक अत्यंत नीच रहस्यमय दुनिया - इलुमिनाटी 1
http://searchoftruth-rajeev.blogspot.com/2012/12/1.html

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