11 जून 2012

WHEN I MISS U

I eat T.V & watch the Food. I baked Book & studies cake. I switched off the bed
& slept on fan. This is the condition when .I MISS U
- मामा ये लङकी ...?
- shut up Mr Golu224 and listen मेरी किसी भी दोस्त के बारे में कोई नुक्ताचीनी की । तो बहुत गलत बात होगी..हाँऽऽऽ । यार ! अच्छे दोस्त कितनी मुश्किल से मिलते हैं । और आप एकदम से कह देते हो । ये मोटी है । ये छोटी है । इसकी शक्ल कार्टून जैसी है । ये बन्दरिया सी लगती है । इसका  फ़ोटो कितना बेकार सा है । ये पागल सी लगती है । What do you mean ? हैं । बोलिये ?
गोलू जी एकदम सिटपिटा गये । और खिङकी से बाहर देखने लगे । बेहद तेज तर्रार और हाजिर जबाब गोलु मेरे 10 वर्षीय भांजे हैं । और काम से थकान के बाद हल्की फ़ुल्की मनोरंजक बातचीत के अच्छे दोस्त के जैसे । मुझे लगा । मैंने कुछ ज्यादा बोल दिया । इसलिये मैंने प्यार से कहा - अच्छा ! बताओ । आपकी कितनी Girlfriend हैं ?
- 2 । उसने उँगलियाँ दिखाकर इशारे से बताया । फ़िर शब्दों में बोला - Two only
- तो उन 2 की नाक बाक बहती है कि नहीं ? वो कौन सी बार्बी डाल जैसी हैं ?
गोलू को बहुत बुरा लगा । और वो मुझसे कुट्टी करके बाहर चले गये ।
अजीव है जिन्दगी भी । कुछ समझ में नहीं आता । इसे कौन से एंगल से व्यवस्थित किया जाये । जो सब कुछ ठीक ठाक चलता रहे । मैं अक्सर यही सोचता हूँ । कहाँ गलती हो जाती है हमसे । जो जिन्दगी का तारतम्य ही बिगङ जाता है । हम कितना ही सही चलें । समझदारी का परिचय दें । तो भी जिन्दगी अपने विलक्षण खेल दिखायेगी ही । कभी खुशी कभी गम । कभी संयोग । कभी वियोग । कभी स्वस्थ । कभी रोग । सब कुछ तो द्विपक्षीय है ।
और सभी इतने सहनशील नहीं होते कि जिन्दगी के इन कुठाराघातों को झेल सकें । अक्सर ही लोग जिन्दगी से हार मानकर टूट जाते हैं । जब उन्हें अत्यन्त भावनात्मक सहारे की जरूरत होती है । जिन्दगी किसी भयानक दैत्य की तरह निर्मम अट्टाहास कर रही होती है । द्रौपदी चीरहरण जैसे सभी महारथी विवस हो जाते हैं । वह लगभग सभी रास्ते बन्द कर देती है । अंधेरा ही अंधेरा । चारों तरफ़ काला गहन अंधकार । उम्मीद की कोई भी किरण नहीं ।
प्रेम सम्बन्ध हों । मैत्री सम्बन्ध हों । रक्त सम्बन्ध हों । मैं कभी कभी खुद को बङा वेवश महसूस करता हूँ । अपने लिये नहीं । दूसरों के लिये । दरअसल हमारी आंतरिक भावनायें कुछ और चाह रही होती हैं । जबकि हमारा शरीर रूपी पंक्षी किस्मत के तूफ़ानी बंवडर रूपी पिंजरें में कैद मचल कर रह जाता है । कहीं कुछ गङबङ है ? कुछ छूट सा गया है । मैं कुछ MISS जैसा Feel
करता हूँ । एक रिक्तता सी व्याप्त है ।
I want to hug you soon ,Take tuk accompanied my steps .
But not right to me . And would I force it . You're still not mine .
Not yet a beloved .And I have not become part of your life .
Not to be the one who always fill your heart .Although I felt tired last .I will continue to hold . All the longing .And the unspoken desire .
You're like a month .Glow lit the dark night .Seen by my eyes without a barrier .
But you're tough unattainable .But I must endure .
Because you've given me hope . Would love an almost impossible unattainable .
Although I know it's not as easy as reaching tuk mu .
Because what you want is not just me .Thou daughter of the king who yearn .
Many princes and knights who tried to reach you .
While I'm just a nameless soldier for you .
Yes ! I do not soldier named . Not as strong as the warrior .
No semenawan prince .Only a dreamer with a piece of poetry alone .
But I'm definitely waiting for you . Waiting for an answer from my love .
एक खौफ़नाक सन्नाटा सा फ़ैला हुआ है । रात काली है । दिन वीराने हैं । तब कुछ समझ में नहीं आता । कोई आध्यात्म । कोई भगवान । कोई ज्ञान काम नहीं आता । सब बेकार है ।
एक प्रसंग याद आता है । बुद्ध का 1 शिष्य 1 बेहद कमजोर से आदमी को उनके पास लाता है । और कहता है - भगवन ! देखिये कितना पागल इंसान है । मैं इसको आत्म ज्ञान बता रहा हूँ । उद्धार का मार्ग दिखा रहा हूँ । और ये कान तक नहीं देता । बुद्ध उसे गौर से देखते हैं । वह सब समझ जाते हैं । और शिष्य से कहते हैं - ये बेहद भूखा है । इसे ज्ञान की नहीं । भोजन की जरूरत है । वे उसे भरपेट भोजन कराने का आदेश देते हैं । वह भोजन के बाद सन्तुष्ट हुआ उन्हें प्रणाम कर चला जाता है ।
*******
सारी ! व्यवधान आ गया । अभी और जुङेगा ।...conti

Better to be alone than to be in bad company
जिन्दगी है तो ख्वाव है । ख्वाव है तो मंजिलें हैं । मंजिलें हैं तो फ़ासले हैं । फ़ासले हैं तो रास्ते हैं ।

रास्ते हैं तो मुश्किलें हैं । मुश्किलें हैं तो हौसला है । हौसला है तो विश्वास है । विश्वास है तो पैसा है ।
पैसा है तो शोहरत है । शोहरत है तो इज्जत है । इज्जत है तो लङकी है । लङकी है तो Tension है ।
Tension है तो Concern है । Concern है तो ये ख्याल है  । ख्याल है तो ख्वाव है । ख्वाव है तो Growth है । Growth है तो जिन्दगी है । जिन्दगी है तो ख्वाव है । मतलब दुनियां गोल गोल है । बस घूमने वाला चाहिये ।
Are we that stupid that we are ignoring what climate change is telling us, or maybe we will start to pay attention when the Earth stops provideing for us.

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सत्यसाहिब जी सहजसमाधि, राजयोग की प्रतिष्ठित संस्था सहज समाधि आश्रम बसेरा कालोनी, छटीकरा, वृन्दावन (उ. प्र) वाटस एप्प 82185 31326